(79)
इल्म किसको था कि तरसीले-हवा* रूक जाएगी
अगले मौसम तक मेरी नशवो-नुमा* रूक जाएगी
तू ही क्यों नादिम* है इतनी मेरे घर की आबरू
किसके सर पर ऐसी आँधी में रिदा* रुक जाएगी
अब तमाशा देखने वालों में हमसाया भी है
टूटती छत मेरे चिल्लाने से क्या रूक जाएगी
कल न होगा कोई इस बस्ती में मेरे मंतज़िर
कल मेरे तलुओं ही में आवाज़े-पा* रुक जाएगी
क्या तहफ़्फ़ज़* दे सकेगी मुझको बज़-ए-एहतियात
क्या दरीचे मूँद लेने से बला रुक जाएगी
1- तरसीले-हवा*-- हवा की उपलब्धि
2- नशवो-नुमा*--बढत
3- नादिम*--लज्जित
4- रिदा*--चादर
5- आवाज़े-पा*--पदचाप
6- तहफ़्फ़ज़*--सुरक्षा
7- बज़-ए-एहतियात--सावधानी का अंदाज़
इल्म किसको था कि तरसीले-हवा* रूक जाएगी
अगले मौसम तक मेरी नशवो-नुमा* रूक जाएगी
तू ही क्यों नादिम* है इतनी मेरे घर की आबरू
किसके सर पर ऐसी आँधी में रिदा* रुक जाएगी
अब तमाशा देखने वालों में हमसाया भी है
टूटती छत मेरे चिल्लाने से क्या रूक जाएगी
कल न होगा कोई इस बस्ती में मेरे मंतज़िर
कल मेरे तलुओं ही में आवाज़े-पा* रुक जाएगी
क्या तहफ़्फ़ज़* दे सकेगी मुझको बज़-ए-एहतियात
क्या दरीचे मूँद लेने से बला रुक जाएगी
1- तरसीले-हवा*-- हवा की उपलब्धि
2- नशवो-नुमा*--बढत
3- नादिम*--लज्जित
4- रिदा*--चादर
5- आवाज़े-पा*--पदचाप
6- तहफ़्फ़ज़*--सुरक्षा
7- बज़-ए-एहतियात--सावधानी का अंदाज़