मेरे लहू की आग
किस-किस के घर का नूर थी मेरे लहू की आग, जब बुझ गया तो फिर से जलाया गया मुझे।
मोम की बैशाखियाँ
रविवार, 19 जून 2011
साएबां मेरा
धमक कहीं हो लरज़ती हैं खिड़कियां मेरी
घटा कहीं हो टपकता है साएबां मेरा।
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